What is Brain Storming?
Brain storming क्या हैं?
Brain Storming नए और उपयोगी विचारो को जन्म देने वाली सामूहिक तकनीक हैं। ,जिसमे अपने सदस्यों द्वारा विचारों की एक सूची को इकट्ठा करके एक विशिष्ट समस्या के लिए एक निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया जाता है।
दूसरे शब्दों में, brainstorming ऐसी स्थिति है जहां लोगों का एक समूह नए विचारों और समाधानों को उत्पन्न करने के लिए योगदान देते हैं। लोग अधिक स्वतंत्र रूप से सोचने में सक्षम हैं और वे यथासंभव कई सहज नए विचारों का सुझाव देते हैं। सभी विचारों को आलोचना के बिना नोट किया जाता है और विचार मंथन सत्र के बाद विचारों का मूल्यांकन किया जाता है। इस शब्द को 1967 में alex osborn ने लोकप्रिय बनाया था
कम समय में बड़ी संख्या में रचनात्मक विचारों को उत्पन्न करने के लिए brainstorming को एक idea creation पद्धति के रूप में परिभाषित किया गया है इसमें कुछ साधारण नियमो का पालन किया जाता हैं जिससे मौलिक और रचनात्मक विचारो को प्रकट किया जा सके।
ब्रेन स्ट्रॉमिंग तकनीक में रचनात्मकता लाने के लिए 5 W और 1H का प्रयोग करें।

ब्रेन स्टॉर्मिंग करते समय पालन करने वाले नियम
- किसी भी प्रकार के विचार की आलोचना न करे। भले ही विचार समस्या से सम्बंधित हो अथवा न हो ,विचार भले ही महत्वपूर्ण न हो। साथ ही किसी भी दिए गए विचार की प्रशंसा न की जाये , भले ही विचार समस्या से सम्बंधित हो अथवा अति महत्वपूर्ण हो।
- आत्ममूल्यांकन अथवा आलोचना का ध्यान न रखते हुए विचारो को स्वछंदता से दिया जाना चाहिए।
- सभी सदस्यों को क्रमबद्ध रूप से विचार प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित करे।
- दो या दो से अधिक विचारो को मिलाकर एक नया विचार भी दिया जा सकता हैं। सुझाव देते समय उनका मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक वार्तालाप न करें क्यों की ऐसा करने से न केवल समय नष्टहोता हैं , वरन नए एवं क्रियात्मक विचारो के प्रवाह में बाधा पहुँचती हैं|
ब्रेन स्ट्रॉमिंग का प्रयोग कब करते हैं
- समस्या या प्रोजेक्ट की पहचान करने के लिए
- समस्या के कारणों की खोज करने के लिए
- समस्या के समाधान ढूंढने के लिए
ब्रेन स्ट्रॉमिंग के लिए दिशा निर्देश
स्टेप १:- ब्रेन स्टॉर्मिंग का विषय सदस्यों को स्पष्ट होना चाहिए जिससे विचार इससे बाहर न जाये।
स्टेप २:- ब्रेन स्ट्रॉमिंग की तैयारी करना
- ब्रेन स्टॉर्मिंग विषय की सूचना मीटिंग से एक या दो दिन पहले सदस्यों को देने से अधिक विचार आने की सम्भावना रहती हैं।
- सभी विचारों को सूचीबद्ध करने के लिए फ्लिप चार्ट इस ब्लैक बोर्ड का प्रयोग करते हैं।
- सभी विचारों का रिकॉर्ड रखते हैं जिनकी भविष्य में उपयोगिता हो सकती है।
- ब्रेन स्टॉर्मिंग के लिए कम से कम ५ और अधिक से अधिक १५ सदस्य होते हैं।
- ब्रेन स्ट्रॉमिंग में टीम के सदस्यों के अतिरिक्त बाहरी व्यक्ति भी भाग ले सकता हैं । लेकिन भाग लेने से पूर्व उसे सभी नियम विषय और स्थिति बताना आवश्यक है।
स्टेप ३ ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन प्रारंभ करना
- सभी सदस्यों को बारी बारी अपने विचार देने चाहिए। प्रत्येक सदस्य को एक बार में एक ही विचार देना चाहिए जिससे दूसरे सदस्यों को भी अपने विचार देने का मौका मिल सके।
- सदस्य की बारी आने पर यदि कोई विचार उसके मस्तिष्क में उस समय नहीं आ रहा हैं तो उसे पास कहना चाहिए जिससे समय की बचत की जा सके।
- दिए गए विहारों का विश्लेषण इस समय नहीं करना चाहिए।
स्टेप -४ ब्रेन स्टॉर्मिंग के लिए वातावरण तैयार करना
- ब्रेन स्ट्रॉमिंग के लिए वातावरण तनावमुक्त भयमुक्त अनौपचारिक सहज एवं विनोदशीलतापूर्ण होना चाहिए।
- सत्र को सुरु करने से पूर्व किसी निष्पक्ष विषय पर पांच से दस मिनट तक ब्रेन स्टॉर्मिंग की जानी चाहिए जिससे सभी सदस्यों का मस्तिष्क क्रियात्मक विचार देने के लिए तैयार हो जाये।
स्टेप ५ :- ब्रेन स्टॉर्मिंग
- ब्रेन स्टॉर्मिंग के लिए चुने गए विषय एवं स्थिति को एक बार फिर से समझा कर दोहराना चाहिए तथा फ्लिप चार्ट पर साफ़ साफ़ लिखना चाहिए जिससे सब आसानी से देख सके
- टीम के एक सदस्य को विचार लिखने के लिए नियुक्त करते हैं जो सभी विचार लिखता हैं भले ही विचार रिपीट हो रहे हो , विचार लिखते समय विचारदाता के ही शब्दों को लिखा जाना चाहिए। यदि विचारदाता अपने विचारो को ठीक शब्दों में व्यक्त करने में असमर्थ अनुभव कर रहा हो तब उसकी शब्दावली और भाषा प्रवाह के गठन में लीडर उसकी मदद कर सकता हैं।
- ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में इतना अधिक समय नहीं लेना चाहिए जिसे टीम के सदस्य थकन का अनुभव करने लगे। ब्राइन स्टॉर्मिंग के लिए आदर्श सत्र का समय ३० से ४५ मिनट होना चाहिए।
- ब्रेन स्टॉर्मिंग करते समय अगर विचारों पर बहस होने लगे तो सत्र को बीच में रोक देना चाहिए तथा वातावरण को खुले मन से विचार व्यक्त करने के अनुकूल बनाकर फिर से सत्र आरंभ करना चाहिए
स्टेप ६ :- ब्रेन स्ट्रॉमिंग में दिए गए विचारो का रिव्यु
- प्रत्येक विचार का स्पष्टीकरण होना चाहिए जिससे सभी सदस्य विचारो को ठीक प्रकार से समझ ले।
- एक सामान रूप वाले दो या दो से अधिक विचारो को एक नया विचार बनाकर लिखाण चाहिए।
- सभी विचारो को समस्या की स्थिति को ध्यान में रखकर मुख्य समूहों में विभाजित करना चाहिए।
ब्रेन स्टॉर्मिंग के प्रकार
Slip method:- slip method में participants एक स्लिप पर अपने विचार लिख कर रख लेते हैं ,और लीडर के पास जमा कर देते हैं |इस तकनीक का नुकसान यह हैं कि इसमें विचार सुनकर , विचार आने कि प्रक्रिया ख़तम हो जाती हैं |जब team में shy nature के पार्टसिपेंट्स ज्यादा होते हैं तब इस तकनीक की जरूरत होती हैं | जब discussion का टॉपिक बहुत सेंसिटिव होता हैं या गुप्त होता हैं तब इस तकनीक की जरूरत होती हैं |
Round robin :- राउंड-रॉबिन ब्रेनस्टॉर्मिंग का एक स्ट्रक्चर्ड तरीका हैं
- बारी-बारी से योगदान करें
- एक बार में एक ही विचार रखे
- यदि एक राउंड में कोई आइडिया नहीं दिया गया तो आप पास हो सकते हैं
- विचारों की व्याख्या न करें
Free wheeling :- इस तकनीक में विचारो को व्यक्त करने पर कोई नियंत्रण नहीं होता हैं. फ्री व्हीलिंग मेथड एक कुशल और उचित हैंडलिंग वाले लीडर की आवश्यकता होती हैं , लीडर को एक अच्छा पर्यवेक्षक होना चाहिए और उसमें मेम्बर्स को संयम बरतनेके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और योगदान न करने वालों को विचारों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित करने की क्षमता होनी चाहिए